प्रेरक वास्तु सुविचार —
✍️ आलोक रंजन त्रिपाठी — ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ, इन्दौर (8319482309)
🌿 ३० प्रेरक वास्तु सुविचार
1️⃣ घर की दिशा सही हो तो भाग्य भी मुस्कुराता है,
जहाँ प्रकाश का वास है वहाँ अंधकार टिक नहीं पाता है,
वास्तु जीवन का संतुलन सिखाता है।
2️⃣ हर कोना बोले, ऊर्जा की बात,
जहाँ स्वच्छता है वहाँ सुख का साथ,
वास्तु बनता है घर की आत्मा का हाथ।
3️⃣ ईशान कोण में दीपक जले, मन में श्रद्धा पले,
जहाँ भक्ति बसती है, वहाँ शक्ति चले,
वास्तु वहीं पूर्ण फल दे।
4️⃣ नैऋत्य कोण का बल है स्थिरता का प्रतीक,
यह देता है आत्मविश्वास और अधिकार का संगीत,
इसे सदा रखें ऊँचा, स्वच्छ और अतीत।
5️⃣ पूर्व से आती किरणें, नवजीवन का संदेश लाती हैं,
सकारात्मक सोच में शक्ति जगाती हैं,
वास्तु इन्हीं किरणों से जीवन सजाती है।
6️⃣ उत्तर दिशा खुली रहे, तो धन का प्रवाह सहज,
वहाँ से आती समृद्धि की सजग लहर,
यह दिशा लक्ष्मी की अनंत नगर।
7️⃣ पश्चिम का भार जीवन में दृढ़ता लाता है,
जहाँ संतुलन है, वहाँ विश्वास जगाता है,
वास्तु यही तो शांति का सूत्र बनाता है।
8️⃣ अग्नि कोण में ज्योति जलाना शुभ मान,
यह दिशा देती है ऊर्जा और आत्म-सम्मान,
यहाँ से शुरू होती है जीवन की पहचान।
9️⃣ जल कोण का संतुलन मन को निर्मल करता है,
जहाँ जल है वहाँ जीवन संवरता है,
यह दिशा संवेदना और भावना का दर्पण धरता है।
🔟 घर का ब्रह्मस्थान हो स्वच्छ और शांत,
यहाँ से उठती है सकारात्मक आंत,
यही है जीवन की आध्यात्मिक कांत।
11️⃣ जहाँ दीवारों में प्रेम का रंग हो,
वहाँ कलह का कभी न संग हो,
वास्तु वहीं अपना प्रसंग हो।
12️⃣ घर का द्वार हो शुभ दिशा में,
मंगल लिखो हर सजी दिशा में,
वास्तु से बढ़े आनंद सजीव परिभाषा में।
13️⃣ पौधे लगाओ — हरियाली बुलाओ,
ऊर्जा बढ़ाओ — नकारात्मकता मिटाओ,
वास्तु यही जीवन का सौंदर्य बनाओ।
14️⃣ जब मन हो शांत, दिशाएँ भी मुस्कुराती हैं,
सकारात्मक तरंगें भीतर तक जाती हैं,
वास्तु का प्रभाव आत्मा तक पहुंचाती हैं।
15️⃣ रसोई का स्थान हो अग्नि कोण में सही,
वहाँ से आती है घर की प्रगति नई,
यहीं बसती है लक्ष्मी सदा सजी।
16️⃣ शयनकक्ष में सिर दक्षिण की ओर रखें,
जीवन में स्थिरता और सुख सदा रखें,
वास्तु यही सरल रहस्य कहें।
17️⃣ जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी, आकाश का संग,
यही पाँच तत्व बनाते जीवन का रंग,
वास्तु इनका संतुलन रखे हर अंग।
18️⃣ घर की छत पर भार न बढ़ाओ,
ऊर्जा का प्रवाह रोक न पाओ,
वास्तु को समझो, सुख पाओ।
19️⃣ दीवारों पर दरारें न छोड़ो कभी,
यह संकेत हैं नकारात्मक लहरों की नभी,
समय रहते सुधरना शुभ यही।
20️⃣ उत्तर-पूर्व में पूजा का स्थान,
यहीं बसे ईश्वर का प्रमाण,
यह दिशा देती है जीवन में ज्ञान।
21️⃣ घर में आईना रखें सही स्थान पर,
उत्तर या पूर्व दिशा में हो सुंदर आधार पर,
वास्तु यही बताता — सौंदर्य और सत्य का सार पर।
22️⃣ दरवाज़े पर घंटी या शंख की ध्वनि,
नकारात्मकता भागे हर क्षणिनी,
सकारात्मकता भर दे हर गली।
23️⃣ मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का निशान,
लाता है सौभाग्य और सम्मान,
यह है वास्तु का शुभ विधान।
24️⃣ शाम को दीपक जलाना न भूलो,
यह घर को आभामय बना देता है पूरा,
वास्तु कहता — यही है ऊर्जा का सूरा।
25️⃣ उत्तर दिशा में कूड़ा या गड्ढा न हो,
यह लक्ष्मी का अपमान न हो,
सुधारो इसे, कल्याण हो।
26️⃣ नैऋत्य कोण में तिजोरी रखो सदा,
मुख रहे उत्तर की ओर सदा,
धन-संपन्नता बढ़े हर दिशा।
27️⃣ घर में झाड़ू, जूते-दरवाज़े पर न रखें,
सकारात्मक ऊर्जा को न रोकें,
यह वास्तु का सरल नियम रखें।
28️⃣ सूर्यास्त के बाद घर को स्वच्छ रखो,
अंधकार को दूर रखो,
वास्तु यही कहे — उजाला सदा रचो।
29️⃣ हर सुबह गंगाजल छिड़कना शुभ है,
यह वातावरण को निर्मल करता है,
नकारात्मकता को दूर रखता है।
30️⃣ जहाँ मन में श्रद्धा, दिशा में प्रकाश,
वहीं बनता है घर स्वर्ग का निवास,
वास्तु वही है — ऊर्जा का विश्वास।
🌺 समापन विचार:
वास्तु केवल दिशाओं का नहीं — यह मन, वातावरण और आत्मा के संतुलन का शास्त्र है।
जहाँ वास्तु है, वहाँ सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का वास है।
आलोक रंजन त्रिपाठी ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ इन्दौर मोबाइल 8319482309
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें