🏡 वास्तु – ऊर्जा संतुलन का विज्ञान
✍️ आलोक रंजन त्रिपाठी
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ – इन्दौर
वास्तु केवल भवन निर्माण का नियम नहीं, बल्कि ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करने की कला और विज्ञान है। प्रत्येक दिशा अपना विशेष गुण रखती है और जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालती है। जब घर, कार्यालय या दुकान वास्तु अनुरूप होता है, तो स्वास्थ्य, धन, करियर और संबंधों में सौहार्द बढ़ता है। उत्तर-पूर्व दिशा ज्ञान व आध्यात्म का प्रतीक है, दक्षिण दिशा स्थिरता देती है, तथा रसोई अग्नि तत्व का केंद्र मानी जाती है, इसलिए यहां स्वच्छता और सही व्यवस्था आवश्यक है। शयन कक्ष में पलंग के सामने शीशा न हो, इससे ऊर्जा का रिसाव होता है।
वास्तु का सार यही है कि स्थान बदले तो भाग्य भी बदल सकता है, ऊर्जा को सही दिशा देकर जीवन को अधिक सुखद, समृद्ध और सफल बनाया जा सकता है। घर में प्रकाश, हवा और सादगी सकारात्मक तरंगों को बढ़ाते हैं। छोटे-छोटे उपाय भी बड़े परिवर्तन ला सकते हैं — यही वास्तु की शक्ति है।
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आलोक रंजन त्रिपाठी
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ – इन्दौर
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