शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025

कुंडली से जाने जेल जाने के योग ग्रहों की स्थिति

ज्योतिष में जेल जाने के योग किसी भी व्यक्ति की कुंडली में तभी बनते हैं जब ग्रह, भाव और दशा–अंतर्दशा कठोर परिणाम देने वाली स्थिति में हों। यह विषय संवेदनशील है, इसलिए इसे भविष्यवाणी की तरह नहीं बल्कि संभावना एवं ग्रहस्थिति के संकेत के रूप में समझना अधिक उचित है।

यहाँ कुंडली में कारावास/कानूनी बाधाएँ/जेल योग बनने के प्रमुख संकेत विस्तार से दिए जा रहे हैं—ज्योतिष में किसी भी समस्या समाधान के लिए एवं वास्तु विजिटक लिए संपर्क करें।

लेखक- आलोक रंजन त्रिपाठी ज्योतिष एवं वास्तविक एक्सपर्ट इंदौर 

संपर्क सूत्र 8319482309 


🔹 कौन-से भाव जेल या कारावास से संबंधित हैं?

भाव अर्थ/संकेत
6वाँ भाव शत्रु, मुकदमा, झगड़ा, कर्ज, कानूनी मामले
8वाँ भाव अपमान, दुर्घटना, गुप्त संकट, अचानक कष्ट
12वाँ भाव कारावास, विदेश, अस्पताल, बंधन

यदि इन भावों पर पापग्रहों का प्रभाव बढ़ जाए तो बंधन, अदालत या जेल के योग अधिक सक्रिय हो जाते हैं।


🔥 ग्रहों की स्थिति जो जेल योग बना सकती है

  1. राहु/शनि का 6, 8 या 12 भाव में होना या दृष्टि होना
  2. मंगल क्रूर पाप स्थिति में हो और चंद्रमा के साथ मानसिक उग्रता बढ़ाए
  3. बुध कमजोर हो तो क़ानूनी निर्णयों में भूल, गलत काग़ज़ी कार्यवाही, धोखे के मामले
  4. चंद्र पीड़ित होने पर भावनाओं में बहकर गलती/कानूनी विवाद
  5. गुरु भी पीड़ा में हो तो संरक्षण कमजोर हो जाता है

🔍 विशेष योग जो ज्योतिष में जेल/कानूनी बाधाओं का संकेत देते हैं

  • राहु + मंगल 6/8/12 भाव में → उग्रता, हिंसक प्रवृत्ति, विवाद
  • शनि + मंगल → कोर्ट केस, लेन-देन में फँसाव
  • राहु चंद्र युति (ग्रहन योग) → मानसिक भ्रम में गलत निर्णय
  • शनि का लग्न या चंद्र पर कठोर प्रभाव → दंड योग
  • 12वें भाव का स्वामी 8वें या 6वें में → बंधन का योग
  • 6ठे भाव का स्वामी 12वें में → मुकदमेबाज़ी से हानि संभव

इन योगों में दशा–अंतर्दशा सक्रिय हो तो ही परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।


🧭 कब फल सक्रिय होते हैं?

👉 यदि शनि, राहु, मंगल, केतु की दशा/अंतर्दशा चले और
👉 वे 6, 8, 12 भाव से जुड़ें
👉 साथ ही गुरु या शुभ ग्रह बचाव न करें

तब जीवन में कानूनी मामले या बंधन जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।


⚠ महत्वपूर्ण

हर ऐसे योग का मतलब जेल जाना नहीं होता। कई बार यह संकेत केवल जुर्माना, विवाद, कोर्ट केस, यात्रा में रोक, सरकारी परेशानी, अस्पताल में रहना, विदेश में वीज़ा समस्या, जैसे रूपों में प्रकट होता है।

अच्छी दशा या शुभ दृष्टि हो तो संकट टल सकता है।


🕉 उपाय (यदि कुंडली में ऐसे योग हों)

  • शनिवार को तिल का तेल दीपक शनि भगवान को अर्पित करें
  • हनुमान चालीसा 21 दिन नियमित
  • क़ानूनी मामलों में झूठ से बचें, धैर्य रखें
  • काला कुत्ता, काली गाय को भोजन
  • राहु शांतिपाठ, चंद्र–शनि के उपाय लाभकारी

✨ निष्कर्ष

ज्योतिष में जेल योग पूरी तरह “भविष्य तय” नहीं करते।
यह केवल संभावनाएँ बताते हैं — कि कब व्यक्ति का धैर्य, निर्णय, और कर्म परिक्षित हो सकते हैं
सही कर्म, संयम, और उपाय के साथ ऐसे योग कमज़ोर पड़ सकते हैं, और जीवन सामान्य या सकारात्मक दिशा में भी मुड़ सकता है।



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