मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

बेडरूम और वास्तु

बेडरूम और वास्तु

लेखक: आलोक रंजन त्रिपाठी — ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ, इन्दौर
मोबाइल: 8319482309
ईमेल: alokjitripathi@gmail.com
ब्लॉग: alokranjantripathi.in
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घर का सबसे शांत और निजी स्थान होता है—बेडरूम। यही कमरा हमारी नींद, मन की शांति, वैवाहिक संबंध और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है। वास्तु के अनुसार बेडरूम की दिशा और व्यवस्था हमारी ऊर्जा को संतुलित करती है और जीवन में सुख-शांति लाती है।

सबसे अच्छा स्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा माना गया है। यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करती है। यहाँ बनाया गया बेडरूम परिवार में विश्वास, समझ और दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करता है। बेड हमेशा ठोस दीवार से लगाकर रखें और सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व की ओर रखें—यह दिशा मानसिक शांति और अच्छी नींद के लिए सर्वोत्तम है।

बेडरूम में हल्के और सौम्य रंग जैसे क्रीम, हल्का नीला, हल्का गुलाबी या बेज अत्यंत शुभ माने जाते हैं। ये रंग तनाव कम कर मन को शांत करते हैं। कमरे में अव्यवस्था, टूटे सामान या बेकार वस्तुएँ रखने से ऊर्जा रुकती है, इसलिए साफ-सुथरा और व्यवस्थित माहौल बनाए रखना आवश्यक है।

एक महत्वपूर्ण नियम—आईना बेड के ठीक सामने न हो। यह नींद को प्रभावित करता है और मन में बेचैनी बढ़ाता है। अगर आईना हो, तो रात में उसे ढककर रखें। कमरे में तेज रोशनी की जगह मुलायम व गर्म रोशनी का उपयोग करें; यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है।

बेड के नीचे भारी सामान न रखें। इससे ऊर्जा का प्रवाह रुकता है और मन भारी हो जाता है। कमरे में पौधे कम रखें और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ भी सीमित करें—ये मानसिक शांति को कम करते हैं।

सच्चा वास्तु केवल दिशा नहीं, बल्कि ऊर्जा, प्रेम और संतुलन का विज्ञान है। सही बेडरूम वास्तु आपके संबंधों में प्रेम, घर में सौहार्द और जीवन में शांति लाता है।

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