आलोक रंजन त्रिपाठी — साहित्य, आध्यात्म और ज्योतिष के संगम पुरुष
---
लेखक: आलोक रंजन त्रिपाठी
स्थान: इन्दौर
विषय: साहित्य, आध्यात्म और ज्योतिष
---
🌿 प्रस्तावना
आलोक रंजन त्रिपाठी एक ऐसा नाम है जो न केवल ज्योतिष और आध्यात्म के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखता है, बल्कि साहित्यिक रचनाशीलता के माध्यम से भी समाज को नई सोच और संवेदना प्रदान करता है। इंदौर जैसे सांस्कृतिक नगर से आने वाले आलोक जी ने अपने जीवन को दो प्रमुख दिशाओं में साधना की तरह जिया है — एक ओर ज्योतिष का गहन अध्ययन, और दूसरी ओर साहित्य के माध्यम से आत्मा की अभिव्यक्ति। उनके व्यक्तित्व में ज्ञान, संवेदना और सृजन — इन तीनों का सुंदर संगम दिखाई देता है।
---
🔯 ज्योतिष — ग्रहों के रहस्यों की आध्यात्मिक व्याख्या
आलोक रंजन त्रिपाठी को ज्योतिष शास्त्र में २५ से अधिक वर्षों का गहन अनुभव है। उनका मानना है कि ज्योतिष केवल भविष्यवाणी नहीं, बल्कि आत्मबोध की विद्या है, जो व्यक्ति को अपने कर्मों, प्रवृत्तियों और जीवन के उद्देश्य से जोड़ती है।
उनकी आध्यात्मिक पुस्तक ‘ज्योतिष मंथन — ग्रहों के रहस्यों की आध्यात्मिक व्याख्या’ में उन्होंने ग्रहों को केवल गणितीय स्थिति के रूप में नहीं, बल्कि मानव चेतना के प्रतीक रूप में समझाया है।
उनके अनुसार —
सूर्य आत्मा और नेतृत्व का प्रतीक है,
चंद्रमा मन और संवेदना का,
शनि कर्म और धैर्य का दर्पण है।
उनकी दृष्टि में ज्योतिष व्यक्ति को डराने का नहीं, जगाने का माध्यम है। वे कहते हैं —
> “ग्रह हमारा भाग्य नहीं लिखते, वे हमें हमारे कर्मों का आईना दिखाते हैं।”
---
🎵 साहित्यिक यात्रा — हृदय से शब्द तक का सफर
आलोक जी की साहित्यिक यात्रा उतनी ही गहरी और प्रेरक है जितनी उनकी आध्यात्मिक साधना। उन्होंने शब्दों को केवल अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मसंवाद का माध्यम बनाया।
उनका गीत संग्रह ‘तुम मेरे गीतों में आते’ संवेदनशीलता, प्रेम और मानवता का सजीव चित्रण है। इन गीतों में एक कवि की आत्मा झलकती है — प्रेम को पूजा, पीड़ा को साधना, और जीवन को संगीत में रूपांतरित करती हुई।
उनकी ग़ज़ल संग्रह ‘तसब्बुर के साए’ में विचार, अनुभव और एहसास की गहराई एक साथ प्रवाहित होती है। हर शेर में जीवन का दर्शन छिपा है — दर्द से दर्शन तक और मोह से मोक्ष तक की यात्रा।
---
✍️ लघुकथा और प्रेरक लेखन
आलोक जी की प्रेरक लघुकथाएँ समाज, जीवन और व्यक्ति की गहराइयों को सहज भाषा में प्रस्तुत करती हैं। उनका लघुकथा संग्रह ‘जीवन एक साधना’ इस दिशा में एक अद्भुत कृति है।
इन कहानियों में समाज की विसंगतियाँ भी हैं और समाधान की रोशनी भी। हर कथा एक संदेश देती है —
कभी कर्म की शक्ति,
कभी करुणा की गहराई,
और कभी आत्म-जागरण का संदेश।
वे छोटी-सी कथा में बड़ा दर्शन कहने की कला जानते हैं।
---
📖 साहित्य और आध्यात्म का संगम
आलोक जी का लेखन इस बात का प्रमाण है कि साहित्य केवल मनोरंजन नहीं, आत्म-परिवर्तन का माध्यम है।
उनकी रचनाओं में आध्यात्मिकता और मानवता का गहरा संबंध दिखाई देता है।
वे मानते हैं कि —
> “सच्चा साहित्य वही है जो मनुष्य को भीतर से उजाला दे।”
उनकी हर कृति में जीवन, करुणा, और सत्य की तलाश झलकती है।
---
🌺 जीवन दर्शन और प्रेरणा
आलोक जी का पूरा जीवन “जीवन एक साधना” के सिद्धांत पर आधारित है। वे मानते हैं कि हर व्यक्ति के भीतर प्रकाश है, बस उसे पहचानने की आवश्यकता है। चाहे वे किसी व्यक्ति की कुंडली देख रहे हों या कविता लिख रहे हों — उनका उद्देश्य एक ही है, मनुष्य को उसकी सच्ची दिशा दिखाना।
उनकी वाणी में विश्वास है, लेखनी में संवेदना, और दृष्टि में सृजन की गहराई। वे यह मानते हैं कि —
> “जब व्यक्ति अपने भीतर के प्रकाश को पहचान लेता है, तो उसका हर कार्य पूजा बन जाता है।”
---
🌞 समापन
आलोक रंजन त्रिपाठी आज के युग में उन दुर्लभ व्यक्तित्वों में से हैं जो ज्ञान, कला और साधना — तीनों को समान रूप से जीते हैं। वे न केवल एक ज्योतिषाचार्य, बल्कि एक साहित्य साधक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी हैं।
उनकी रचनाएँ और उनकी भविष्यवाणियाँ दोनों ही एक संदेश देती हैं —
> “जीवन को समझो, ग्रहों को नहीं डराओ; शब्दों से प्रेम करो, कर्मों से उजाला फैलाओ।”
---
📍लेखक:
आलोक रंजन त्रिपाठी
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ, इन्दौर
📞 8319482309
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें