किसी मुकाम पर चलकर चलो पुकार करें

किसी मकाम पे चलकर चलो पुकार करें
बड़ा रंगीन है मौसम तो इसमें प्यार करें

नज़र लगे न कोई रंग भरे मौसम को
इसी ख़ुशी में मुहब्बत का इंतजार करें

अगर ख़ता है मुहब्बत तो बता दें सबको
यहां के लोग ख़ता ऐसी बार बार करें

जुल्म सहकर जो मुहब्बत को बचा पाये हैं
उन्हीं का जिक्र यहां हम भी एक बार करें

कभी तो हम भी पहुंच जायेंगे मंजिल अपनी
करो न देर चलो रास्ते तो पार करें

आलोक रंजन इंदौरवी

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