ग़ज़ल बेतकल्लुफ़ जिंदगी अच्छी नहीं आलोक रंजन इन्दौरवी

बेतकल्लुफ  ज़िंदगी  अच्छी नहीं।
इश्क़  में  आवारगी   अच्छी नहीं।।

हर किसी का हक़ मिले हरदम उन्हें।
साथ  उनके  ज्यादती अच्छी नहीं।।

ख़ाक में इज़्ज़त मिलाकर क्यूं रहें।
ऐसी  भी  दीवानगी  अच्छी  नहीं।।

फ़ायदा   कोई  उठाए   आपका।
इस क़दर शाइस्तगी अच्छी नहीं।।

हर क़दम बस प्यार ही क़ायम रहे।
यूं भी सबसे बेरुखी अच्छी नहीं ।।

आलोक रंजन इंदौरवी

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