अटेंशन की प्यारी ख्वाहिश, एक पारिवारिक कहानी
🌸 अटेंशन की प्यारी ख्वाहिश लेखक: आलोक रंजन त्रिपाठी, ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ, इंदौर --- 🏠 सुमित्रा का व्यस्त जीवन सुमित्रा का जीवन हमेशा व्यस्तता और प्रेम के बीच बीतता था। इंदौर के मध्यम वर्गीय घर में उसका परिवार पाँच सदस्यीय था—पति रमेश, बेटा अभिषेक, बेटी साक्षी, सास गीता और बहन रचना। हर कोई अपनी दुनिया में व्यस्त रहता, मगर सुमित्रा का मन हमेशा परिवार की खुशियों और उनके सुख-दुःख में बँधा रहता। --- 🍳 सुबह की थकान और खामोश पीड़ा सुबह उठते ही सुमित्रा नाश्ता बनाती, बच्चों को तैयार करती, घर के काम निपटाती और फिर अपने पति और परिवार की खुशियों का ध्यान रखती। उसके हाथ हर काम में निपुण थे, मगर उसके भीतर अक्सर सिर दर्द, हाथ-पांव में अकड़न और थकान रहती। वह जानती थी कि परिवार उसे प्यार करता है, लेकिन उसके दिल में एक खामोश ख्वाहिश हमेशा रहती—थोड़ी अटेंशन। बस यही छोटी सी बात उसे हर दिन जीने की ऊर्जा देती। --- ☀️ रविवार की सुबह और छोटी खुशियाँ एक रविवार की सुबह, किचन में व्यस्त सुमित्रा अचानक सिर दर्द से चुपचाप कुर्सी पर बैठ गई। सास गीता ने तुरंत देखा और पास आकर पूछा, “सुमित्रा, क्या हुआ?” स...