प्रिय हम थे पहली बार मिले

*मिलन गीत*

प्रिय, हम  थे  पहली  बार मिले !

सूनी   संध्या   एकान्त    पहर 
सहसा तुम  दो  पल  गए ठहर 
नदी   नदी   तुम   लहर  लहर 
नभ   में   तारों  के  दीप  जले ..

प्रिय, हम  थे पहली  बार मिले !

बेसुध   यौवन, चंचल  पायल 
विस्मित लोचन, छूटा आंचल 
अलकों का फैला घन श्यामल 
तरु  शाखाओं  के  मौन  तले..

प्रिय, हम  थे पहली  बार  मिले !

विस्मय  विभोर, नीरव  निश्चल 
लख  कर  मेरी  वेदना  विकल 
झरने  से   उमड़े  नयन  सजल 
सपने  आशा  के सुमन  खिले..

प्रिय ,हम थे पहली  बार  मिले..!

छबि  उजली  सी  छहर  छहर 
आकुल मानस  में  लहर लहर 
क्रूर  समय   का   क्रूर  कहर !
सच में थे अंतिम  बार   मिले ?

प्रिय, हम थे पहली बार  मिले !

@गीतकार निर्मल 
      🌹❤️🌹

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